चलिए आज आपको केदारनाथ मंदिर के बारे में बताते है ।

चलिए आज आपको केदारनाथ मंदिर के बारे में बताते है ।

ये है भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग - सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, केदारेश्वर, भीमाशंकर, विश्वेश्वर (विश्वनाथ), त्र्यंबकेश्वर, वैद्यनाथ, नागेश्वर, रामेश्वर, घुष्मेश्वर (घृष्णेश्वर)

केदारनाथ मंदिर महज एक नही बल्कि 5 अलग अलग मंदिरों का समूह है,इन सभी में शिवजी के विभिन्न अंग गिरे थे इसलिए इसे पंच केदार के नाम से भी जाना जाता है ।

भोलेनाथ ने पांडवों को वहा बैल के रूप में दर्शन दिए थे इसके बाद वह भूशिवलिंग की उत्पत्ति हुई थी तब से लेकर अब तक उसी शिवलिंग के पूजा की जाती है ।

माना जाता  है कि केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करना अधूरा माना जाता है इससे तीर्थ यात्रा और दर्शन का कोई फल नहीं मिलेगा ।

माना जाता  है कि केदारनाथ के दर्शन किए बिना बद्रीनाथ की यात्रा करना अधूरा माना जाता है इससे तीर्थ यात्रा और दर्शन का कोई फल नहीं मिलेगा ।

केदारनाथ मंदिर में शिव की आराधना शैव समुदाय के पुजारी करते है,मंदिर केनपुजारी भगवान शिव की पांच मुख वाली प्रतिमा की पूजा करते है यह पूजा 7 बजे शुरू होती है को की 8:30 बजे तक चलती है।

इस जगह की खोज पांडवों ने की थी, दरअसल वे अपने पापो से मुक्ति पाने के लिए भोलेनाथ को ढूढते केदारनाथ पहुंचे थे।